सन 1977 की बात है ताऊ जगरिया जिला बुलंदशहर चौधरी साहब का बहुत पुराना कार्यकर्ता था जब चौधरी साहब भारत सरकार के गृह मंत्री बने तो एक दिन ताऊ जगरिया उनकी कोठी 12 तुगलक रोड पर मिलने आया कोठी का गेट बंद था और कुछ पुलिस वाले खड़े हुए थे ताऊ जाखरिया लंबा चौड़ा 6 फुट लंबा धोती कुर्ता और एक लंबा लठ तथा उस पर मोटी दौर हमेशा टांगे रखता था जब ताऊ जकरिया ने पुलिस वालों से कहा के मुझे चौधरी साहब से मिलना है तो पुलिस वालों ने ताऊ जगरिया से कह दिया कि चौधरी साहब ने मिलने से सबको इंकार कर रखा है अतः हम आपको कोठी के अंदर नहीं जाने देंगे
ताऊ जगरिया को कोई काम नहीं था उन्हें तो मात्र एक ही काम था क्या आज चौधरी साहब भारत सरकार के गृहमंत्री बनके कुर्सी पर बैठे हुए कैसे लगते होंगे मुझे तो सिर्फ उनके दर्शन करने हैं लेकिन पुलिस भी मजबूर थी की ताउजर करिया अंदर नहीं जा सका लेकिन उन्होंने पुलिस वालों से कहा के भाई मेरा नाम पता लिख लो और जब चौधरी साहब को फुर्सत हो तो उन्हें मेरा नाम लेकर बता देना के एक बुजुर्ग ताऊ जगरिया आप के दर्शन करने आया था और पुलिस वालों के सामने यह कहकर के भाई मैं सफदरजंग अस्पताल जगबीर सिंह उस वक्त राज्य मंत्री थे उनसे वे बीमार हैं मिलने जा रहा हूं
बेचारा ताऊ जकरिया पैदल पैदल सफदरजंग अस्पताल की तरफ चल दिया कुछ समय के बाद चौधरी साहब कोठी के अंदर से बाहर आए तो एक पुलिस वाले ने हिम्मत करके ताऊ जकरिया के नाम का कागज चौधरी साहब के हाथ में थमा दिया चौधरी साहब ने तुरंत पुलिस वालों को आदेश किया है की उस व्यक्ति को कहीं से भी ढूंढ के लाओ और उनसे मुझे इसी वक्त मिलना है अप पुलिस वाले बेचारे चारों तरफ इधर उधर दौड़ रहे थे
काफी दौड़ धूप करने के बाद ताऊ जगरिया सफदरजंग अस्पताल के नजदीक पुलिस वालों को मिला तो पुलिस वालों ने खुशामद कर ताउ जकरिया को अपनी गाड़ी में बैठा लिया एक बार तो ताऊ जगरिया डर गया उसने पुलिस वालों से पूछा के भाई कहां ले जा रहे हो पुलिस वालों ने कहा की चौधरी साहब आपको याद कर रहे हैं आप हमारे साथ चलिए क्योंकि ताऊ जी हमारी नौकरी का सवाल है ताऊ जगरिया गाड़ी में पुलिस की गाड़ी में बैठ कर 12 तुगलक चौधरी साहब की कोठी पर आ गए
चौधरी साहब लगभग एक घंटा कोठी के बाहर खड़े हुए ताउजर करिया का इंतजार चुपचाप करते रहे लेकिन जैसे ही चौधरी साहब ने ताऊ जकरिया को देखा और गले मिले तो चौधरीताऊ जकरिया को पुलिस के साथ आते हुए देखकर जबकि चौधरी साहब उन्हीं के इंतजार में 1 घंटे से चुपचाप खड़े थे चौधरी साहब ने आगे बढ़कर ताऊ जकरिया को गले लगाया और अपने आंसू नहीं रोक सके और ताऊ जाखरिया भी रोने लगे
कितनी महान आत्मा थे चौधरी साहब कितना ध्यान रखते थे अपने एक एक कार्यकर्ता का चौधरी साहब ने पूछा की बताओ कैसे आए ताऊ जाखरिया ने जवाब दिया चौधरी साहब मैं तो सिर्फ आपको गृह मंत्री की कुर्सी पर बैठे हुए देखने के लिए आया था मुझे आपसे कोई काम नहीं है मैं तो आपके जीवन भर का संघर्ष करने के बाद आपको उसका जो फल मिला है आज आप गृह मंत्री भारत सरकार के हैं कहीं चौधरी साहब मुझे पहचानने से इंकार ना कर चौधरी साहब ने जवाब दिया ताऊ जाखरिया आप ही तो मेरे हाथ पैर हैं और इस कुर्सी पर पहुंचाने वाले आप लोग ही ह इसलिए मैं मैं आप लोगों का हमेशा सम्मान करूंगा मैं देश का गृहमंत्री नहीं हूं मैं तो जनता का सेवक हूं और सेवा करता रहूंगा कितने महान थे चौधरी साहब..!
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